सीमेंट कंपनियों के स्टॉक्स ‘एक बार फिर’ मजबूत रिटर्न्स की राह बतलाते हुये कई कारणों से निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बनाते जा रहे हैं. ‘एक बार फिर’ इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि बेहद उंचे भावों पर मिलने वाले सीमेंट स्टॉक्स की कम्पनियाँ अब भी मजबूत तो उतने ही हैं पर शेयरों के भाव सरकार से टकराव और स्टॉक मार्केट में आये हाल ही के सुधार के कारण सीमेंट स्टॉक्स की ऊपरी परत झड़ गयी है जबकि सीमेंट बैग पर नई कीमतों की परता चढ़ती जा रही है.
निर्माण और रीयल एस्टेट सेक्टर में हो रही प्रगति से उठने वाली सीमेंट की माँग से सीमेंट की कीमतों में भी सतत रुप से वृध्दि होती जा रही है. जनवरी से जुलाई २००७ के बीच सीमेंट की प्रत्येक बोरी पर औसत तौर पर २० रूपयों की वृद्धि देखी गयी है. कारण साफ है और आधारभूत आर्थिक नियमों के अनुरूप ही है. घरेलू उत्पादन क्षमता स्थानीय मांग को पूरा करने में असमर्थ रही है.
महंगी होती सीमेंट की बोरी को लेकर सरकार और सीमेंट उद्योग के बीच पूर्व में हुये टकराव के बाद सीमेंट स्टॉक्स में काफी पिट चुके थे और पिछले सप्ताह के करेक्शन ने सीमेंट सेक्टर में निवेश करने का नया अवसर दिया है.
जुलाई के तीसरे सप्ताह में ए सी सी और अल्टाटेक सीमेंट के शेयरों के भाव बी एस ई मॆं प्रति शेयर क्रमशः १११५ और ९६२ रुपयों का अस पास थे जो की वर्तमान में १०६५ और ९२० रह गए है. ये दोनों ही शेयर तेज़ी से उछाल लगाने की प्रकृति वाले बताये जाते है.
मजबूत घरेलू माँग के साथ सीमेंट के भावों को लगातार बढ़ने से रोकने केलिए सरकार फिर से कोई हस्तक्षेप कर सकती है, इस आशंका से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता. फिर चीन की सीमेंट कंपनियों के कई निर्यात प्रस्ताव भी सरकार को मिल रहे है. किन्तु चीन की सीमेंट कम्पनियों के लिए भारत के स्थानीय उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करना बेहद कठिन होगा. गुणवत्ता के साथ ही भंडारण की समस्या को सीमेंट सेक्टर की प्राथमिकता में रखा जाता है.
मानसून के बाद पारंपरिक रुप से उठने वाली सीमेंट की माँग और इन्फ्रास्त्रक्चर पर जोर तथा रीयल एस्टेट में बद्धाती जा रही रूचि से सीमेंट सेक्टर की कंपनियों और स्टॉक्स पर लाभ की नयी परतें चद्धती रहेंगी. - १ सितंबर
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