भारत में कमोडिटी मार्केट को एकीकृत करने , उन्हें पारदर्शी बनाने की दिशा में तीन राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों की स्थापना के साथ ही क्षेत्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों की और भी ध्यान दिया जा रहा है।
देश के २० रीजनल एक्सचेंजों मै से कुछ को तो पारंपरिक रुप से उनकी कमोडिटी विशेष में राष्ट्रीय एक्सचेंजों से भी अधिक तरजीह दी जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि किसी कमोडिटी विशेष के उत्पादन क्षेत्रों में ही उनकी स्थापना बाज़ार के भागीदारों के द्वारा ही गयी थी.
मध्य प्रदेश में देश का ९० प्रतिशत से भी ज्यादा सोयाबीन उत्पादन होता है इसलिये इन्दौर में नॅशनल बोर्ड ऑफ़ ट्रेड [एन बी ओ टी ] स्थापित किया गया था , जबकि राजकोट में राजकोट बोर्ड ऑफ़ ट्रेड [ आर बी ओ टी ] केस्टर या जिसे अरंडी भी कहतें हैं के व्यापार के लिए और यह क्षेत्र केस्टर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. वहीं हापुड़ का चेंबर ऑफ़ कामर्स [हापुड़ एक्सचेंज ] सरसों के उत्पादन और व्यापार क्षेत्र में होने के कारण पारंपरिक एक्सचेंज है।
रीजनल कमोडिटी एक्सचेंजों का टर्नओवर भी ऊंचा रहता है। इस वर्ष अगस्त के पहले पखवाड़े तक रीजनल एक्सचेंजों का टर्नओवर लगभग ४,४६६.४६ करोड़ रुपयों का देखा गया. एन बी ओ टी ने तो ३,१२८ करोड़ रुपयों का कारोबार रजिस्टर किया जबकी हापुड़ एक्स्चेंज का व्यवसाय ६४३ करोड़ रुपयों से ज्यादा का रहा।
किंतु, इनकी कार्य प्रणाली में पारदर्शिता की कमी की शिकायतें अक्सर सुनाने में आती रहतीं हैं। स्टॉक एक्सचेंजों की तरह कमोडिटी एक्सचेंजों में भी कन्सोलिदेशन चल रहा है। यदि इन रीजनल एक्सचेंजों को बाज़ार भागीदारों का विश्वास पाते रहना है . आगे और प्रगति करना है तो इन्हें स्वेच्छा से अंदरूनी तौर पर मजबूत बनना होगा. और अर्थव्यवस्था में अपनी भुमिका को सार्थक सिद्ध करना होगा.
इसलिये बिना रीजनल एक्सचेंजों के विकास के कमोडिटी मार्केट को आधुनिक नहीं बनाया जा सकता है. साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास को अधिक सेअधिक बाज़ार भागीदारों तक पहुँचाने और लोगों को कृषि के विकास में सहायक बनाने के लिए रीजनल एक्सचेंजों की भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाना होगा. इस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं.
कमोडिटी मार्केट के नियंत्रक फार्वर्ड मार्केट कमीशन [ ऍफ़ एम् सी ] ने क्षेत्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों के की कार्य प्रणाली के अध्ययन और उन्हें मजबूत बनाने के लिए जरूरी सुधारों की अनुशंशा करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित की है।
Thursday, August 23, 2007
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